यहाँ, ये, ये, य
मेरी जान बाँध रखी तूने पायल म
हर कदम तेरा करे मुझे घायल ह
अरे हम तो मामूली से गायक थ
तुझे देख के ही तो हुए शायर ह
ये जो हम पे छाए हुए बादल ह
पहले दिखे न कभी थे पूरे सावन म
रज़ा तेरी रज़ामंदी में शामिल ह
तेरे हुक्म सर आँखों पे क़ायल ह
हाँ, तू कह दे अगर
उठेगा नहीं तेरे कंधे से सर
सब बेअसर
तेरे इश्क जैसा मैंने कभ
देखा नहीं मर्ज
तेरा मुझपे है कर्ज
चुकाना पड़ेगा ज
मुझे शत प्रतिशत
क्या किया ये हसरत
तेरी आँखों ने भ
छोड़ी ना कोई भी कसर
मेरी जान बाँध रखी तूने पायल म
हर कदम तेरा करे मुझे घायल ह
अरे हम तो मामूली से गायक थ
तुझे देख के ही तो हुए शायर ह
ये जो हम पे छाए हुए बादल ह
पहले दिखे न कभी थे पूरे सावन म
रज़ा तेरी रज़ामंदी में शामिल ह
तेरे हुक्म सर आँखों पे क़ायल ह
मेरी जान, तू कर ले गुनाह
वारदातें संभल जाती ह
तेरे लिए क्या शर्म क्या हय
तू पानी ह
कैसे भी ढल जाती ह
क्या अदा तेरी है बेपनाह
जो दिल में मेर
घर कर जाती ह
किसी से भी छुप न सक
इरादे तू चेहरे से पढ़ जाती ह
हाँ, पागल ह
पीछे तेरे झुमके और तेरे काजल क
तेरे आँचल के क्य
दिल से भी हम तेरे बाहर ह
ये ना वाजिब ह
नखरे तेरे ये ना जायज़ ह
ये जायज़ ह
तेरे हक ही तो बनता है शायद स
मेरी जान बाँध रखी तूने पायल म
हर कदम तेरा करे मुझे घायल ह
अरे हम तो मामूली से गायक थ
तुझे देख के ही तो हुए शायर ह
ये जो हम पे छाए हुए बादल ह
पहले दिखे न कभी थे पूरे सावन म
रज़ा तेरी रज़ामंदी में शामिल ह
तेरे हुक्म सर आँखों पे क़ायल ह