कुछ पल तो ठहर जाओ न
या फिर लौट के आओ न
यूँ कहते नहीं अलविद
मुड़ जाओ इधर आओ न
तुम्हे ढूँढें मेरी आँख
तुम्हे खोजें मेरी बाह
तुम बिन जिया जाए कैस
कैसे जिया जाए तुम बिन
तुम बिन जिया जाए कैस
कैसे जिया जाए तुम बिन
कितने थे वादे किए
इक पल में तोड़ दिए
झूठा नहीं तू मुझको पता ह
बस थोड़ा रूठा सा ह
तू रूठे मैं मनाऊ
पर तुम बिन कहाँ जाऊ
तुम बिन जिया जाए कैस
कैसे जिया जाए तुम बिन
तुम बिन जिया जाए कैस
कैसे जिया जाए तुम बिन
ये आसमान और ज़मीन
बिन तेरे कुछ भी नह
सांसों से मोहलत
ज़रा मांग लेन
यूँ उठके जाते नह
या फिर तू मुझे ले चल
संग अपने जिधर तू चल
तुम बिन जिया जाए कैस
कैसे जिया जाए तुम बिन
तुम बिन जिया जाए कैस
कैसे जिया जाए तुम बिन